अमेरिका अपने दुश्मन चीन को घेरने की रणनीति पर तेजी से काम कर रहा है। हिंद प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को खत्म करके उसे परास्त करने की हर कोशिश में अमेरिका जुटा हुआ है। यही कारण है कि अमेरिका ने चीन को चारों ओर से घेरना शुरू कर दिया है। इसके लिए फिलिपींस के 4 सैन्य अड्डों पर अमेरिका की आर्मी को तैनात किया जाएगा। वहीं दक्षिण चीन सागर पर भी अमेरिका की नजर हैं, जहां चीन अपना दबादबा बनाए रखना चाहता है। वहीं अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर चीन की दादागिरी को कुचलना चाहता है।
इन सब के बीच अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने गुरुवार को फिलिपींस की राजधानी मनीला पहुंचे और फिलीपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस से मुलाकात की। चीन के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। इस समझौते को अमेरिका का चीन के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इसके जरिए अमेरिका को चीन के खिलाफ क्षेत्र में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नया आधार मिल जाएगा।
ताइवान को लेकर चीन पर रखेगा नजर अमेरिका
फिलीपींस में पहुंच के साथ ही अमेरिका अब ताइवान को लेकर चारों तरफ से चीन पर नजर रख सकेगा। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि उत्तर में जापान और दक्षिण कोरिया में पहले से ही अमेरिका की मौजूदगी है। दक्षिण में आस्ट्रेलिया है, वहां भी अमेरिकी सेना मौजूद है। इसी बीच अब क्योंकि यहां भी अमेरिकी फौज मौजूद रहेगी। वहीं ‘क्वाड’ में भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया ये चार देश पहले से ही चीन की हरकतों पर नजर रख रहे हैं इस तरह अमेरिका हर तरह से हिंद प्रशांत महासागर में चीन के दबदबे को खत्म करके ड्रैगन के इरादों को कुचलने की पूरी रणनीति पर काम कर रहा है।
अमेरिकी पहुंच वाले मिलिट्री बेस के नाम नहीं बताए
अमेरिका ने कहा कि इस समझौते के जरिए फिलीपींस में मानवीय और मौसम-संबंधी इमरजेंसी में मदद पहुंचाना आसान हो जाएगा। साथ ही दूसरी चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी। हालांकि, फिलीपींस के किन-किन मिलिट्री बेस पर अमेरिका की पहुंच होगी, इसका ऐलान नहीं किया गया है।
Author: bhartimedianetwork
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