मुशर्रफ की मौत पर पाक विदेशमंत्री बिलावल ने नहीं जताया शोक, लिखा ‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर’-Pak Foreign Minister Bilawal bhutto did not condole Musharraf’s death, wrote tu zinda rahegi Benazir

मुशर्रफ की मौत पर पाक विदेशमंत्री बिलावल ने नहीं जताया शोक, लिखा 'तू जिंदा रहेगी बेनजीर'- India TV Hindi
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मुशर्रफ की मौत पर पाक विदेशमंत्री बिलावल ने नहीं जताया शोक, लिखा ‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर’

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की मौत के बाद कई पाकिस्तानी नेताओं ने शोक व्यक्त किया। पाकिस्तान ही नहीं, भारत से भी कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मुशर्रफ की हत्या पर शोक जताया। लेकिन पाकिस्तान के विदेशमंत्री  बिलावल भुट्टो जरदारी का मुशर्रफ की मौत पर कोई आधिकारिक शोक संदेश नहीं आया। बल्कि इस मौके पर उन्होंने अपनी मां को याद किया और ट्वीट संदेश में लिखा- ‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर’। यही नहीं,  बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर भी बदल ली। 

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन की खबर की पुष्टि होने के बाद पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री की ओर से औपचारिक रूप से कोई शोक संदेश नहीं आया है। हालांकि पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को अपने ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर बदल ली है। जानकारी के मुताबिक भुट्टो ने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो और दिवंगत नवाब अकबर बुगती की तस्वीर को प्रोफाइल पिक्चर बनाया है। 

मुशर्रफ की मौत पर क्यों किया दिवंगत मां बेनजीर को याद?

जब बेनजीर भुट्टो की हत्या हुई, तो इसमें मुशर्रफ का हाथ होने के आरोप लगे थे।  एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो की चार तस्वीरें शेयर की हैं। उन्होंने इसका कैप्शन लिखा है कि ‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर’। इसके साथ ही उनकी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी ने भी वही तस्वीरें उसी कैप्शन के साथ पोस्ट की हैं। तस्वीरों में से एक फोटो में बेनजीर के लिए न्याय की मांग करती एक छोटी सी कविता भी है।

कब और कैसे हुई थी बेनजीर की हत्या

साल 2007 में एक दिन रावलपिं​डी में  चुनावी रैली में बेनजीर भुट्टो लोगों का अभिवादन कर रही थी। तभी भीड़ में से उन्हें गोली आकर लगी। इस हमले में उनकी मौत हो गई थी। दरअसल, उनकी मौत की आशंका पहले से थी। इसलिए तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से उनकी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई गई थी। इसमें कहा गया था कि जैमर, निजी गार्ड और अतिरिक्त पुलिस वाहन उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने उन्हें अधिक सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार दिया था।

2006 में परवेज मुशर्रफ के आदेश पर शुरू किए गए एक सैन्य अभियान के दौरान पूर्व आंतरिक मंत्री और बलूचिस्तान के गवर्नर नवाब अकबर बुगती और 24 से अधिक कबायली मारे गए थे। जब मुशर्रफ मार्च 2013 में स्व-निर्वासन में रहने के बाद चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौटे, तो उन्हें विभिन्न मामलों में अदालत में घसीटा गया. 


जिसमें 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या और नवाब अकबर बुगती की हत्या का मामला भी शामिल था। गौरतलब है कि कल रविवार को दुबई में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। 

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