आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं का अभनपुर में जंगी प्रदर्शन, सरकार को सौंपा ज्ञापन

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रायपुर, 2 सितंबर 2025। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के आह्वान पर 1 सितंबर को अभनपुर (जिला रायपुर) में एक दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल के तहत आमसभा और जंगी प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने भाग लिया।

प्रदर्शन के उपरांत कार्यकर्ताओं ने एसडीएम अभनपुर को मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लंबित एवं जायज मांगों की पूर्ति की अपील की गई।

सभा और संबोधन

आमसभा की अध्यक्षता प्रगतिशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष हेमा भारती ने की।
इस मौके पर उपाध्यक्ष रुक्मणी साहू, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी कोसले, मीना साहू, शकुंतला देवांगन, चित्ररेखा गोस्वामी, भाकपा (माले) रेड स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा, जन संघर्ष मोर्चा संयोजक कॉमरेड प्रसाद राव, भाकपा राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड सोम गोस्वामी और आदिवासी भारत महासभा के राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड पदम नेताम सहित कई वक्ताओं ने आमसभा को संबोधित किया।

अखिल भारतीय संयोजक तुहिन ने जनगीत प्रस्तुत किया। संचालन दुर्गा यादव (अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन) ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन कॉमरेड हेमंत टंडन (TUCI) ने किया।

सरकार पर आरोप

वक्ताओं ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार पर वादाखिलाफी और दमनात्मक रवैये का आरोप लगाया। उनका कहना था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से शासकीय कार्य तो करवाए जाते हैं, लेकिन उन्हें कर्मचारी का दर्जा और उचित मानदेय नहीं दिया जाता।
सभा में भाजपा सरकार की शिक्षा नीतियों, महिला विरोधी रवैये और निजीकरण के खिलाफ भी कड़ा विरोध दर्ज किया गया।

ज्ञापन में रखी गई मांगें

ज्ञापन में संयुक्त मंच ने प्रमुख रूप से निम्न मांगें रखीं—

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तृतीय श्रेणी और सहायिकाओं को चतुर्थ श्रेणी शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
  • जब तक दर्जा न मिले, तब तक कार्यकर्ताओं को ₹26,000 और सहायिकाओं को ₹21,100 न्यूनतम वेतन दिया जाए।
  • महंगाई भत्ता, पेंशन, ग्रेच्युटी, कैशलैस स्वास्थ्य योजना, समूह बीमा और डिजिटल कार्य हेतु मोबाइल/टैबलेट उपलब्ध कराया जाए।
  • रिक्त पदों पर कार्यकर्ता को सुपरवाइजर तथा सहायिका को कार्यकर्ता पद पर प्रोन्नति दी जाए।
  • सेवा से बर्खास्त किए गए 6 यूनियन पदाधिकारियों एवं सदस्यों को तत्काल बहाल किया जाए।
  • धमकी भरे पत्र, मानदेय कटौती और हड़ताल में भाग न लेने का हलफनामा भरवाने जैसी दमनात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाएं।

चेतावनी

संयुक्त मंच ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो राज्यभर में बड़े पैमाने पर संघर्ष छेड़ा जाएगा।


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