अभिषेक सिंह ठाकुर
भानुप्रतापपुर।
संगीतमय गौकथा महायज्ञ के दूसरे दिवस में राष्ट्रीय संत गौऋषि गोपालमणि महराज जी ने गौकथा के माध्यम से गाय की महिमा को अति पवित्र बताया है जिस गौ माता के मल से गणेश एवं दूध से शिव प्रगट होती है। खर से तीर्थ व गौमूत्र से गंगा निकलती है सभी देवताओं का वास होती है। समझ सकते है वो कितनी पावन है।
संसार कलयुग है हर घर मे लड़ाई-झगड़ा कलेस है लेकिन जिस घर मे गौमाता बंधी है वहा आज भी सुख शांति व समृद्धि बनी हुई है। गाय का सम्बंध देश व धर्म से है। जब जब धरती पर भार पड़ती है तब तब गौमाता ढाल बनकर सामने खड़ी हो जाती है इसलिए गौमाता को भारतमाता कहा जाता है। महराज जी ने कहा कि पृथ्वी के दो रूप है पहला जड़ याने मिट्टी कंकड़ पत्थर वही दूसरा चेतना गौमाता को कहा गया है। वही गाय व कामधेनु गाय के भी परिभाषा बताते हुए कहा कि जो गलियों में घूम रही है कूड़ा कचरा खा रही है वह गाय है, जिस घर मे गाय बंधी हुई है प्रतिदिन उसकी पूजन किया जाता है वह कामधेनु है। जिसकी कृपा आशीर्वाद से आपका प्रत्येक कार्य सिद्ध होंगे।
वेदशास्त्र कहता है कि प्रसन्ता ही सच्ची प्रसाद है, इसलिए लोगो को हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए। चिंता व चिंतन का भी अर्थ बताते हुए कहा कि चिंता भगवान का काम है वही चिंतन मनुष्य का काम है। आप यदि भगवान के प्रति चिंतन करेंगे तो निश्चित ही भगवान आप के लिए चिंता करेगी।
सही मायने में रामजी की प्रतिष्ठा तभी होगी जब गौमाता के प्रतिष्ठा होगी। सरकार गाय को पशु का दर्जा दिया है इसलिए प्रतिदिन लाखो गाये काटे जा रहे है आप सभी संकल्प ले कि गाय पशु नही हमारी माता है इसकी रक्षा करेंगे। करोड़ो देवी- देवताओं के मंदिर है गाय इसलिए गौ माता को देवताओं का माता भी कहा जाता हैं।
तुम्हारी हर प्रश्न, हर समस्या का निवारण,हर शंका का समाधान गौ कथा। आज खेतो में जैविक खाद का उपयोग कम है रासायनिक खाद का उपयोग ज्यादा कर रहे है जब अन्न ही सही नही है तो मन कैसे सही होगा। कहते है जैसे अन्न वैसे ही मन होता है।अन्न से मन व दूध से बुद्धि बढ़ता है। आज खाने पीने के सभी सामग्रियों में मिलावट हो रही है। दूध भी 80 प्रतिशत नकली आ रही है। श्रीमद्भागवत में लिखा गया है। पूतना एवं कंस का वध करने वाले गोकुल में गायों के बीच मे पल रहा है। गौ माता की प्रतिष्ठा कर दी जाए तो आप सभी की प्रतिष्ठा स्वयं हो जाएगी। जिस बेटे ने गौ माता की प्रतिष्ठा कर दी उसके माता पिता की प्रतिष्ठा हो गई। जिस शिष्य ने गौ माता की प्रतिष्ठा उसके गुरु की प्रतिष्ठा स्वयं हो गई।जिस भक्त ने गौ माता की प्रतिष्ठा कर दी तो स्वयं भगवान की प्रतिष्ठा हो गई।
भारत एक आसन है जिसमे आप हम सभी बैठे है देश मे किसी भी छोर में यदि गौ माता की हत्या हो रही है उसमें हम सभी दोषी है,क्योंकि पाप करने वाले ही पापी नही होता देखने व सुनने वाले भी पाप के भागीदार होते है। धर्म की शिक्षा है ग्रंथ, धर्म की जड़ गौ माता है,हर धार्मिक कार्यो में गौ माता एवं दूध,दही,घी, गोबर, गौमूत्र का उपयोग किया जाता है। गौ माता की साक्षी होने से ही आपकी पूजा सफल व सार्थक होगी। गायत्री स्वयं गौ माता है दिन तीन बार गौमाता की दर्शन अवश्य करना चाहिए।
Author: bhartimedianetwork
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