ब्रिटेन और चीन के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर हमेशा से ही रहा है। ब्रिटेन ने जहां चीन को हमेशा विस्तारवाद पर कड़ी नसीहत दी है। वहीं चीन ने भी ब्रिटेन को खरीखोटी सुनाई है। अब ब्रिटेन चीन के विरोधी देशों को एकजुट करने में लगा है। इसी कड़ी में ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस जापान जाएंगी। वे वहां एक सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के पूर्व नेताओं से मुलाकात करेंगी तथा चीन के खिलाफ सख्त अंतरराष्ट्रीय रुख अपनाने का आह्वान करेंगी।
सांसदों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ‘चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन’ ने शुक्रवार को कहा कि ट्रस ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ जापानी संसद में 17 फरवरी को एक कार्यक्रम में भाषण देंगी। यूरोपीय संसद के सदस्य एवं बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री जी वर्होफस्टैट भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन के आयोजकों को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से हिरोशिमा में मई में होने वाले सात अमीर लोकतांत्रिक देशों के समूह के अगले शिखर सम्मेलन से पहले चीन द्वारा पैदा खतरों को लेकर और अधिक समन्वित कूटनीतिक रुख कायम करने में मदद मिलेगी। ट्रस के ताइवान के संबंध में चीन के बढ़ते खतरों को लेकर जारी चिंताओं पर भी बात करने की संभावना है।
वहीं, मॉरिसन गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए चीनी अधिकारियों के खिलाफ अधिक लक्षित प्रतिबंधों का आह्वान करेंगे, जबकि वर्होफस्टैट बीजिंग के दबाव के बीच अंतरराष्ट्रीय नियमों को बनाए रखने में यूरोपीय संघ की भूमिका पर बात करेंगे। तीनों पूर्व नेता ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ और ताइवान के सांसदों के साथ ही जापान के करीब 40 सांसदों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में जापान के वरिष्ठ मंत्रियों के भी हिस्सा लेने की संभावना है।
Author: bhartimedianetwork
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