दुर्ग । दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन पर स्वापक, औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार, निवारण अधिनियम-1988 की धारा-3 सहपठित धारा-11 के तहत न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त महेन्द्र टंडन को छह माह के लिए केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने का आदेश दिया है।
आयुक्त राठौर ने बताया कि महेन्द्र टंडन के विरूद्ध नारकोटिक्स एक्ट के दो मामले और आबकारी एक्ट के एक मामले थाना पद्मनाभपुर में दर्ज कर कार्यवाही की गई थी। इनमें से एक मामले में माननीय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट दुर्ग के द्वारा 18 जनवरी 2024 को निर्णय पारित कर महेन्द्र टंडन को धारा-20 (ख) (ii) (क) के अधीन दोषी पाया गया था और अभिरक्षा में व्यतीत अवधि एक माह 26 दिवस के सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था।
आयुक्त राठौर ने बताया कि महेन्द्र टंडन जेल से छूटने के बाद भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है और उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार प्रतीत नहीं होता है। वर्तमान में भी शराब और गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों की अवैध बिक्री की शिकायतें मिलती रही हैं।
आयुक्त राठौर ने बताया कि महेन्द्र टंडन की आपराधिक गतिविधियों से समाज में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और इसलिए उसको केन्द्रीय जेल दुर्ग में छह माह के लिए निरूद्ध करने का आदेश दिया गया है।
Author: Priyanshu Vishwakarma
News creater, social activist,
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