रायपुर, दुर्ग और पॉवर हाउस सहित छत्तीसगढ़ के 7 पुराने रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रविवार सुबह इसका शिलान्यास किया। नए स्टेशन बन जाने के बाद यहां आने वाले यात्रियों को पहले कहीं अधिक और हाईटेक सुविधाएं मिलेंगी।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रविवार को 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ देश के 508 रेलवे स्टेशन के डवलपमेंट के लिए शिलान्यास किया। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी बड़े भाजपा और कांग्रेस नेता अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पहुंचे। दुर्ग रेलवे स्टेशन के शिलान्यास कार्यक्रम में विजय बघेल सहित विधायक अरुण वोरा, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल सहित बड़ी संख्या दुर्ग शहर के नागरिक और स्कूली छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। पॉवर हाउस रेलवे स्टेशन में भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय पहुंचे थे।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत दुर्ग रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होना होना है। इसके लिए 450 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस राशि से दुर्ग रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से बदल दिया जाएगा। बाहर से रेलवे स्टेशन एक बड़े मॉल या एयरपोर्ट की तरह दिखाई देगा। स्टेशन में शॉपिंग, गेमिंग, वेटिंग हॉल जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।
यात्रियों को मिलेंगी हाईटेक सुविधाएं
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जब दुर्ग और पॉवर रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो जाएंगे तो वहां यात्रियों को हाईटेक सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। सबसे पहले यात्रियों को स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ एक खूबसूरत और भव्य प्रवेश द्वार मिलेगा। यात्रियों के वाहनों के लिए वेल डेवलप पार्किंग की सुविधा मिलेगी।
स्टेशन के अंदर लिफ्ट और चलित सीढियां लगाई जाएंगी। रेलवे स्टेशन बिल्डिंग को ग्रीन बिल्डिंग की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। यात्रियों को यहां विशाल कॉनकोर्स की सुविधा मिलेगी। विशाल छत के आवरण से युक्त रेलवे स्टेशन होगा। इससे गर्मी और बारिश में राहत मिलेगी। आने जाने के लिए नए बड़े फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे।
क्या है स्टेशन कॉनकोर्स
कॉनकोर्स वह स्थान है जो स्टेशन के रास्ते या सड़कों को जोड़ता है। दुर्ग का कॉनकोर्स यहां के होटल, कन्वेंशन सेंटर, रेलवे स्टेशन, शॉपिंग और पार्किंग के रास्तों को जोड़ेगा।
सोलर पॉवर से जगमगाएगा स्टेशन
नए रेलवे स्टेशन की विशाल छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे पैदा होने वाली बिजली का उपयोग रेलवे स्टेशन की लाइटिंग व अन्य उपयोग में खर्च की जाएगी। इससे यहां बिजली का खर्च भी बचेगा। इसके साथ ही बारिश के पानी को सहेजने के लिए यहां कई बड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी बनाए जाएंगे। यहां की जो बिल्डिंग बनाई जाएगी उसमें हेरिटेज महत्व के साथ साथ स्थानीय कला और संस्कृति का समावेश होगा।
Author: bhartimedianetwork
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