दुर्ग आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन और ट्रेन के अंदर लोगों का टिकेट चेक करके वसूली करने वाले फर्जी TTE को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से फर्जी आई कार्ड भी जब्त किया गया है। जीआरपी ने ठगी का मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
11 अगस्त 2023 को मोहम्मद रफीक दतिमा नाम के यात्री ने दुर्ग स्टेशन के मेन गेट पर TTE को शिकायत की कि ट्रेन में फर्जी टीटीई घूम-घूमकर वसूली कर रहा है। उसने बताया कि वह सुबह ट्रेन नंबर 18242 अंबिकापुर एक्सप्रेस में था। जिस व्यक्ति ने अंबिकापुर से दुर्ग तक यात्रा के दौरान उसका टिकट चेक किया वो फर्जी लग रहा था।
इसके बाद टीटीई ने तुरंत इसकी सूचना आरपीएफ उसलापुर को दी। आरपीएफ ने उसलापुर रेलवे स्टेशन में उस आदमी को खोजा, लेकिन वो नहीं मिला।
मो. रफीक फिर से रात 8 बजे दुर्ग से अंबिकापुर जाने के लिए दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ा था। उसने देखा कि वहीं फर्जी टीटीई यहां घूम रहा है। रफीक ने तुरंत इसकी सूचना ड्यूटी पर तैनात टीटीई को दी।
टीटीई ने तुरंत आरपीएफ़ को बुलाया। जिसके बाद आरपीएफ की टीम ने संदेही को पकड़ और चेकपोस्ट पर लेकर आई। यहां पूछताछ करने पर उसने अपना नाम अवधेश साहू पिता जगदीश साहू (31 वर्ष) बताया। उसने बताया कि वह सूरजपुर जिले के डबरीपारा का रहने वाला है।
तलाशी लेने पर निकला फर्जी आई कार्ड
जब आरपीएफ ने अवधेश साहू की तलाशी ली तो उसके पास रेलवे का फर्जी आई कार्ड निकला। उसमें उसका नाम संतोष स्टेशन नाम LJKR पदनाम TA II ऑपरेटिंग विभाग, बिलासपुर मंडल लिखा था। उसने भारतीय रेलवे का आइडेंटिटी कार्ड का पट्टा पहना हुआ था। उसके पास से जो आधार कार्ड मिला उसमें भी उसका नाम अवधेश साहू ही लिखा था और उसमें लगा फोटो भी उसी का था। जांच करने पर वह आईकार्ड फर्जी पाया गया।
रेलवे को आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला दर्ज
आरपीएफ ने जांच में पाया कि आरोपी ने रेलवे का डुप्लीकेट आई कार्ड रखकर ट्रेन में टिकट चेकिंग की। इस तरह उसने रेलवे को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इसके बाद आरोपी को जीआरपी चौकी प्रभारी दुर्ग को हैंडओवर किया गया। जीआरपी आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा है।