रायपुर। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग ने एक बड़े कर चोरी मामले में भिलाई के कारोबारी विनय कुमार टंडन को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 10.38 करोड़ रुपये की कर चोरी करने के लिए बिना किसी वास्तविक व्यापारिक लेन-देन के फर्जी चालान जारी किए और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत लाभ उठाया।
फर्जी फर्म के जरिए कर चोरी का खुलासा
सीजीएसटी रायपुर की टीम ने खुफिया जानकारी और डेटा एनालिटिक्स के आधार पर जांच की, जिससे यह सामने आया कि विनय कुमार टंडन पहले से ही एक जीएसटी पंजीकृत व्यापारी था और उस पर एक करोड़ रुपये से अधिक का कर बकाया था। अपनी देनदारी से बचने के लिए, उसने अपनी पत्नी के नाम से ‘मेसर्स ओविया ट्रेडर्स’ नामक एक नई फर्म पंजीकृत कराई और इसके माध्यम से फर्जी बिल बनाकर कर चोरी की साजिश को अंजाम दिया।
भिलाई में हुए खुलेआम मर्डर के आरोपी गिरफ्तार देखें वीडियो:-
बैंक स्टेटमेंट और ई-वे बिल से पकड़ी गई गड़बड़ी
सीजीएसटी अधिकारियों ने आपूर्तिकर्ताओं के बैंक स्टेटमेंट, ई-वे बिल डेटा और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की। इसमें पाया गया कि आरोपी ने बिना किसी वास्तविक व्यापारिक गतिविधि के केवल कागजों पर फर्जी बिलिंग की और करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट अवैध रूप से पास किया। इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया
पुख्ता सबूतों के आधार पर आरोपी को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया और अधिनियम की धारा 132 के तहत अपराध दर्ज किया गया। उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत दुर्ग जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 28 मार्च की शाम को आरोपी को दुर्ग की सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
सीजीएसटी विभाग ने कर चोरी और फर्जीवाड़े से जुड़े मामलों पर कड़ी निगरानी रखते हुए इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई जारी रखने की बात कही है।

Author: Sarik_bharti_media_desk
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