अभिषेक सिंह ठाकुर
भानुप्रतापपुर। विकासखंड अंतागढ़ अंतर्गत के ग्राम पंचायत मासबरस में विभिन्न निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा के मामले सामने आए हैं ।सूचना के अधिकार के तहत निकल गए दस्तावेज के आधार पर जांच में जमकर फर्जीवाड़ा करने के मामले सामने आए हैं। फर्जीवाड़ा पर मुहर लगने पर अब सरपंच, सचिवों से वसूली की कार्यवाही की जा रही है। सूचना के अधिकार के तहत मासबरस निवासी रमेश बघेल ने जानकारी निकाली जिसमें मूलभूत व 14वें, 15 वें वित्त योजना के तहत आई राशि का किस तरह से ग्राम पंचायत में बंदरबांट किया गया यह खुलासा हुआ है।
इसकी शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच कराई इसमें मूलभूत योजना से स्नानगृह निर्माण इर्राबोड़ी एवं मासबरस में ₹40000 की फर्जी बिल वाउचर बनाकर राशि निकाली गई । ग्राम पंचायत भवन पोताई, रंगमंच मरम्मत, आश्रित ग्राम बर्रेबेड़ा, पुनगांव, इर्राबोड़ी में स्कूल का मरम्मत, अतिरिक्त कक्ष, स्नानगृह, रनिंग वाटर निर्माण में केवल कागजों में बनाया गया मौके पर ऐसा कुछ भी निर्माण कार्य नहीं हुआ है। जांच करने पाया विभिन्न ग्रामों में मुरमीकरण के नाम पर 4 लाख59 हजार 180 रुपया खर्च किया गया है जो मौके पर कहीं नहीं पाया गया । वहीं ग्राम पंचायत भवन मासबरस का रंग रोगन के नाम से ₹40 हजार निकल गया जबकि इसमें कोई कार्य नहीं हुआ है। वही स्नान गृह निर्माण 70 हजार, रंगमंच मरम्मत करने के लिए 20 हजार, गिट्टी परिवहन के लिए 25 हजार आहरण किया गया है, पर धरातल पर कुछ भी नहीं है। प्राथमिक शाला मरम्मत के नाम से 2 लाख 8 हजार रुपए की राशि आहरण की गई है। पर यहां कुछ भी मरम्मत नहीं हुआ है। इसका प्रमाण वहां के प्रधान पाठक ने दिया है। सड़को में मुरमीकरण, सड़क सुदृढ़ीकरण के नाम से 4 लाख 87 हजार 740 रुपये फर्जी तरीके से राशि आहरण की गई।
जिला प्रशासन की ओर से अंकेक्षण अधिकारी पंचायत, उप संचालक पंचायत, लेखा अधिकारी जिला पंचायत के द्वारा यह जांच की गई थी। जांच में प्रमाणित होने के बाद जिला प्रशासन ने सरपंच, सचिव को नोटिस जारी कर वसूली की आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद एसडीएम के द्वारा सरपंच को निलंबित किया गया पर पुनः बहाल कर दिया गया।
ग्राम पंचायत मासबरस में किया गया जमकर फर्जीवाड़ा में जांच के बाद सरपंच प्रतिमा पद्माकर से 4 लाख 25 हजार 360 रु, पूर्व सचिव पीतांबर नाग से 1 लाख 36 हजार 5 सौ रु, पूर्व सचिव राजेंद्र साहू से 25 हजार, पूर्व सचिव नोहर सिंह ध्रुव से 2 लाख 63 हजार वसूली करने के आदेश दिए गए हैं । सरपंच और सचिवों से राशि वसूली हो रही है।
जनपद पंचायत अंतागढ़ के सीईओ दिनकर सिंह पोया ने बताया ग्राम पंचायत मासबरस के ग्रामीणों के द्वारा शिकायत के बाद जिला प्रशासन की ओर से इसकी जांच कराई गई थी। जांच में फर्जीवाड़ा करना पाया गया है। इसके बाद सरपंच-सचिव को वसूली के आदेश दिए गए हैं। और कुछ राशि सरपंच हुआ सचिवों के द्वारा जमा भी कराया गया है और कुछ समय मांगा गया है। निर्धारित अवधि में यह राशि जमा करना होगा आगे की कार्यवाही जिला पंचायत के द्वारा होगी।
केवल वसूली नहीं कड़ी कार्रवाई हो
सूचना के अधिकार के तहत रमेश बघेल ने यह जानकारी निकाली थी श्री बघेल ने बताया ग्राम पंचायत मासबरस में पिछले 4 वर्षों में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। गलियों में मुरमीकरण, शासकीय भवनों में मरम्मत कार्य के नाम से राशि आहरण की गई पर मौके पर ऐसा कुछ कार्य नहीं हुआ है । बर्रेबेड़ा में मेड बंधान के नाम से राशि निकाली गई जबकि यहां कोई मेड बंधान का कार्य नहीं हुआ है। स्नानगृह निर्माण के नाम से राशि आहरण की गई इसमें भी कोई कार्य नहीं हुआ है। जिला प्रशासन के द्वारा सरपंच-सचिव को जांच में फर्जीवाड़ा किए जाने प्रमाणित होने के बावजूद मात्र वसूली की कार्रवाई करना तर्कसंगत नहीं है। ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले सरपंच सचिवों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व सरपंच परदेसी राम उयके, वार्ड पंच इतवारी राम, अर्जुन सिंह उयके, बलराम कृसान, बृजलाल पांडे ने बताया ग्राम पंचायत मासबरस में व आश्रित ग्रामों में जो कार्य पंचायत द्वारा कराए गए हैं उसमें जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है केवल कागजों में निर्माण कर राशि आहरण की गई है ऐसे कृति करने वाले सरपंच सचिव को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
सरपंच प्रतिमा पद्माकर ने का जांच हो गई है और निराकरण हो गया है, विरोधी पक्ष के द्वारा बदनाम करने के लिए शिकायत कर रहे है।
Author: bhartimedianetwork
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