यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद सीएम योगी ने अब आरओ/एआरओ परीक्षा को भी रद्द कर दिया है। साथ ही सीएम योगी ने पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए छह माह में दोबारा प्रारंभिक परीक्षा कराने का निर्देश दिया है, साथ ही इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा -2023 की समीक्षा की। परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के कुछ प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इस संबंध में शासन द्वारा सर्व साधारण को परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित तथ्यों के साक्ष्य उपलब्ध मांगे थे
मुख्यमंत्री ने शासन को मिले साक्ष्यों और आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के आधार पर दोनों सत्रों में प्रांरभिक परीक्षा को निरस्त करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही परीक्षा आगामी छह माह में पुनः कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में शामिल व्यक्तियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए इस मामले की जांच एसटीएफ को दे दी जाए। एसटीएफ जल्द से जल्द इसकी विवेचना पूरी करेगी और इसमें लिप्त सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बतादें कि पिछले दिनों यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की खबरों के बाद सीएम योगी ने परीक्षा को रद्द कर दिया था। इसके बाद आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे। साथ ही समीक्षा अधिकारी परीक्षा को भी रद्द करने का मुद्दा गर्माने लगा था। इस संबंध में शासन की ओर से परीक्षा के पेपर लीक करने से संबंधित साक्ष्य उपलब्ध कराने की बात कही थी। पेपर लीक से संबंधित साक्ष्य मिलने के बाद शासन ने अपनी रिपोर्ट सीएम योगी के सामने रखी। पेपर लीक से संबंधित रिपोर्ट को देखते हुए सीएम योगी ने आरओ/एआरओ परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। साथ ही सीएम योगी ने लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा 2023 की दोनों सत्रों की परीक्षाओं को छह महीने के अंदर फिर से कराने के आदेश जारी किए।