बिहार में तरह तरह की अजीबों-गरीब घटनाएं देखने को मिलती हैं जो आपका ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं। कभी पुल की चोरी तो कभी मोबाइल टावर की चोरी की खबर तो आपने पढ़ी ही होगी। आज बिहार में रेल इंजन के बाद पटरी की चोरी सामने आई है। यहां समस्तीपुर रेल मंडल में एक बड़ा स्क्रैप घोटाला देखने को मिला है। समस्तीपुर रेल मंडल में बिना टेंडर निकाले करोड़ों रूपये के स्क्रैप को बेचा जा रहा था। इस मामले में आरपीएफ के अधिकारी की मिलीभगत भी सामने आई है। रेलवे स्क्रैप के इस घोटाला के सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव से रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त समेत दो कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सस्पेंड किए गए दो रेलवे कर्मियों में झंझारपुर आउटपोस्ट के प्रभारी श्रीनिवास के अलावा मधुबनी के जमादार मुकेश कुमार सिंह शामिल हैं।
मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि लोहट चीमी मिलकर को केर पंडौल स्टेशन से गई रेलवे लाइन के स्क्रैप को गलत तरीके से गायब करने का मामला 24 जनवरी को सामने आया था। इसके बाद त्वरित कार्रवाई कर आरपीएफ के अधिकारी समेत दो अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। स्क्रैप घोटाला मामले में जांच के लिए विभागीय कमेटी बनाई जाएगी। अगर जांच में दोनों पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो दोनों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
बंद पड़ी है रेल लाइन
बता दें कि समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन लोहट चीनी मिल के लिए पंडौल स्टेशन से लोहट तक रेल लाइन बिछाई गई थी। चीनी मिल के बंद हो जाने के बाद रेल लाइन को भी बंद कर दिया गया था। इस बीच रेलवे लाइन के स्क्रैप को बिना टेंडर निकाले ही आरपीएफ अधिकारी की मिलीभगत से बेचा जा रहा था। इस बीच गलत तरीके से बेचा गया कुछ माल पकड़ा भी गया है। इस बाबत दरभंगा आरपीएफ पोस्ट में मामला भी दर्ज किया गया है। खबरों के मुताबिक दोनों पुलिस अधिकारी कारोबारियों को स्क्रैप का माल फर्जी तरीके से बेच रहे थे।