ताइवान ने चीन की दादागिरी पर उसे आंख दिखाई है। चीन की ताइवान के खिलाफ संभावित नाकाबंदी या हमले के तैयारी के बीच जवाब देने के लिए ताइवान ने अपने लड़ाकू विमानों को उतारते हुए अपनी नौसेना को सचेत कर दिया है। चीन के 34 सैन्य विमानों और 9 जंगी जहाजों की तैनाती के बीच ताइवान और अमेरिका की चिंता बढ़ गई। इसी कारण जवाब में ताइवान ने भी अपनी ओर से कमर कस ली है। पिछले महीने अमेरिकी एयरफोर्स के जनरल माइक मिनिहान ने अधिकारियों को 2025 में ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जंग के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था।
चीनी जेट्स ने पार की सेंट्रल लाइन
एयर मोबिलिटी कमान के प्रमुख के रूप में, मिनिहान को चीनी सेना की गहरी समझ है और उनकी टिप्पणियां अमेरिका द्वारा तैयारी बढ़ाने के आह्वान के अनुरूप हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 20 चीनी विमानों ने मंगलवार को ताइवान जलडमरूमध्य में सेंट्रल लाइन को पार किया था, जो लंबे समय से अनौपचारिक बफर जोन रहा है।
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है, जबकि ताइवान के अधिकतर लोग चीन की सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में आने का विरोध करते हैं। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ताइवान के सशस्त्र बलों ने ‘इन गतिविधियों का जवाब देने के लिए स्थिति की निगरानी की।’ चीन ने लगभग दैनिक आधार पर ताइवान के पास हवाई क्षेत्र में युद्धपोत, बमवर्षक, लड़ाकू विमान भेजे हैं।
क्या है विवाद का मामला?
चीन की टेढ़ी नजर हमेशा से ही ताइवान पर रही है। इसलिए चीन ने ताइवान पर वन चाइना पॉलिसी को लागू किया हुआ है। इसी बीच हाल के महीनों में अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, तब चीन ने ताइवान को धमकाया था और शक्ति प्रदर्शन करके अमेरिका को कड़ा ऐतराज जताया था। हालांकि पेलोसी ने यह यात्रा की थी। तभी से चीन ताइवान के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। पिछले साल अगस्त में पेलोसी की यात्रा पर आपत्ति जताते हुए चीन ने ताइवान के आसपास युद्धाभ्यास किया था और मिसाइल दागी थी।
Author: bhartimedianetwork
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