एक साल के बच्चे ने निगल लिया था कॉइन सेल:पेरेंट्स सर्दी-खांसी के इलाज के लिए अस्पताल लाए तो चला पता,डॉक्टर्स ने एंडोस्कोपी से निकाला

एक साल के बच्चे ने निगल लिया था कॉइन सेल:पेरेंट्स सर्दी-खांसी के इलाज के लिए अस्पताल लाए तो चला पता,डॉक्टर्स ने एंडोस्कोपी से निकाला

भिलाई                                                               4 घंटे पहले
डॉक्टर्स ने एंडोस्कोपी से इस तरह निकाला बाहर। - Dainik Bhaskar
डॉक्टर्स ने एंडोस्कोपी से इस तरह निकाला बाहर।

छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक साल के बच्चे ने खेल-खेल में कॉइन सेल निगल लिया। परिजनों को इसका पता भी नहीं चला था। पेरेंट्स बच्चे को सर्दी-खांसी का इलाज कराने स्पर्श हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। एक्सरे से पता चला कि उसकी आंत में कुछ फंसा हुआ है। इसके बाद बच्चे के पेट से एंडोस्कोपी करके बटन बैटरी को बिना ऑपरेशन के बाहर निकाला।

बच्चे की छोटी आंत में इस तरह फंसी थी बटन बैटरी।
बच्चे की छोटी आंत में इस तरह फंसी थी बटन बैटरी।

भिलाई तीन निवासी स्वर्णलता ने बताया कि उसके एक साल के बेटे नित्या को करीब दो महीने से सर्दी खांसी और बुखार था। इसलिए वो उसका इलाज कराने के लिए भिलाई स्थित स्पर्श हॉस्पिटल आई थीं। यहां जब बच्चे की जांच की गई तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आंत में कोई बटन बैटरी जैसा चीज फंसा हुआ है।

परिजनों ने घर में पता किया तो पाया कि वहां रखे टॉय मोबाइल की एक बैटरी गायब थी। परिजन घबरा गए। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे का एंडोस्कोपी किया और बिना ऑपरेशन के उसके पेट से बैटरी को बाहर निकाला। अब नित्या पूरी तरह से ठीक है। बटन बैटरी के चलते उसकी आंत में हल्के घाव हुए थे, जो जल्द ही भरकर ठीक हो जाएंगे।

इस तरह पेट के अंदर फंसी थी बटन बैटरी
इस तरह पेट के अंदर फंसी थी बटन बैटरी

 

एंडोस्कोपी के दौरान कम हो रहा था ऑक्सीजन लेवल
डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि एक साल के बच्चे की आहार और स्वांस नली काफी छोटी होती है। बटन बैटरी को निकालने के लिए जब एंडोस्कोपी की जा रही थी तो सांस न ले पाने से उसका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो जा रहा था। साथ ही आहार नली में जगह कम होने से बैटरी भी नहीं निकल रही थी। इसके बाद डॉक्टर जैन ने पहले उस बैटरी को पीछे धकेलकर पेट में पहुंचाया। इसके बाद एंडोस्कोपी में फंसाकर बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि यह उनके करियर का रेयर केस था, जो सफल रहा।

डॉ. अर्पण जैन, स्पर्श हॉस्पिटल भिलाई
डॉ. अर्पण जैन, स्पर्श हॉस्पिटल भिलाई

 

जानलेवा हो सकता था देर करना
डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि बच्चे ने बटन बैटरी खाया था। ये एक अलक्लाइन बैटरी होती है। इससे पेट में छाले पड़ने के साथ ही आंत फटने का डर रहता है। अगर इसे जल्द न निकाला गया तो इससे जान जाने का खतरा भी हो सकता है। डॉ. जैन का कहना है कि बच्चे अक्सर चमकीले से दिखने वाले पत्थर, सिक्के, बैटरी/सेल, बटन, धारदार या नुकीली चीजें निगल लेते हैं। ये काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि इस तरह की चीजों से बच्चों को दूर रखें।
इन बातों का रखें ध्यान

  • रिमोट, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक उपकरण बच्चों से दूर रखें।
  • चीनी खिलौनों में छोटी बैटरी होती है, जिसे बच्चे निगल लेते हैं।
  • खेलते हुए बच्चों के हाथ में सिक्के देने की आदत न डालें।
  • टूटी हुई सीटी बच्चा बजा रहा हो तो उसे छीन कर फेंक दें।

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