भानुप्रतापपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त साफ-सफाई के अभाव में यहां भर्ती मरीज और परिजन परेशान है। महिला शौचालय को बंद कर दिया गया है, एक ही शौचालय में महिला-पुरुष उपयोग कर रहे है। हैं। अस्पताल में पीने का पानी तक की सुविधा नहीं है। यहां 30 बेड का अस्पताल है। वर्तमान में 15 से 20 मरीज भर्ती होते है। पुजारीपारा के सोपसिंह आचला ने बताया बाथरूम में टूटे हुए बेसिन, गंदगी का अंबार, टूटे दरवाजे और बदबू से लोग परेशान हैं।
भानुप्रतापपुर के शासकीय अस्पताल में प्रतिदिन मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। अस्पताल में विभिन्ना बीमारियों से पीड़ित लोग पहुंचते हैं। गंदगी के चलते उनमें संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है। ऐसे में अस्पताल की स्वच्छता जरूरी है। भर्ती मरीज राजू सिंघोरिया ने कहा कि बाथरूम की हालत देख उपयोग करने का मन नहीं होता। मजबूरी में लोग अस्पताल से बाहर सुलभ शौचालय का उपयोग करने को मजबूर हैं। इधर लेकिन कचरा का ढेर जमा है। जिस कारण लोगों को बडी परेशानी हो रही हैं। महिला शौचालय बंद, पुरूष शौचालय में ही दोनों का उपयोग कर रहे है। मरीजों ने सफाई, शौचालय, पेयजल की समुचित व्यवस्था की मांग किया है।
मरीजों के लिए लगा आधे एसी खराब पड़ा
गर्मी के मौषम में मरीजों को किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत न हो इसके लिए 3 साल पहले एसी लगाई गई है लेकिन वहां 8 में 4 एसी कई महीनों बंद पड़ा हुआ है। जिसके मरम्मत के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।
पेयजल का व्यवस्था नहीं बोतल लेकर पीने को मजबूर
हॉस्पिटल परिसर में पीने के पानी का कोई व्यवस्था नहीं है। किसी समाजसेवी द्वारा हॉस्पिटल परिषर में फ्रीजर लगाया गया था। लेकिन वहां भी खराब पड़ा हुआ है। जिसके मरम्मत के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण हॉस्पिटल में पहुचे मरीज व उनके परिजन दुकानों से बोतल खरीद कर पानी पीने को मजबूर हैं। अस्पताल से बाहर से पानी लाते है।
बीएमओ डॉ अखिलेश ध्रुव ने बताया 2 शौचालय वार्ड में है, 2 शौचालय परिसर में है। सफाई ठीक है। मरीज एसी को लगातार चालू रखने से आधे खराब है, पीने का पानी है इसमें मरीज परिजन बर्तन धोते है इसलिए बंद कर देते है। शिकायत है तो इसे ठीक कराया जाएगा।