जाने कैसे फंसे जाल में डिप्टी सीएम- मछुआरे ने खेला ऐसा खेल, पूरी सिक्यूरिटी के बाद भी डिप्टी सीएम शर्मा नहीं बचे, जमकर खाए सोंटे  

रायपुर. दीपावली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया,लेकिन छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम ने कुछ अलग ही परंपरा निभाई। वो छत्तीसगढ़ के मछुआरों के साथ एक परंपरा को निभाने गए थे। पूरी सुरक्षा के बीच मछुआरों ने उन्हें परंपरागत तरीके से अपने जाल में फंसा लिया। एक मछुआरे ने उनपर जाल डाला और गृह मंत्री खुशी-खुशी जाल के बीच फंसे दिखे। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने जमकर सोंटे भी खाए।

आपको बता दें कि निषाद समाज देश और समाज की खुशहाली के लिए हर साल दिवाली के दिन एक अनूठी परंपरा निभाते हैं। इस बार उन्होंने ये परंपरा अपने राज्य के गृह मंत्री व डिप्टी सीएम विजय शर्मा के साथ निभाई। मंत्री ने अपनी इस अनूठी परंपरा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में शेयर किया है।

कवर्धा के भारत माता चौक पर एक सभा में निषाद समाज के कुछ लोगों ने कार्यकर्म के दौरान उनका सम्मान किया। निषाद समाज के युवक संदीप निषाद ने बताया कि बरसों पुरानी ये परम्परा आज भी जारी है। बुजुर्गों ने हमें बताया है कि गांव-गांव में निषाद समाज के लोग मछली पकड़ने का जाल लेकर लोगों के घरों में जाते हैं। परिवार के लोगों को यह जाल ओढ़ाया जाता है और माना जाता है कि इसके बाद उस घर परिवार के लोगों के जीवन की समस्याएं इस जाल में फंसकर बाहर आ जाती हैं।

निषाद समाज मुख्य तौर पर मछली पालन के काम से जुड़ा होता है। जाल ही उनकी आय का जरिया होता है। जिस तरीके से पानी से मछली निकाली जाती है वैसे ही लोगों की समस्याओं को इस जाल से निकालने की मान्यता है। प्रार्थना की जाती है कि लोग के जीवन में सुख रहे। जाल को छत्तीसगढ़ी में सौखी कहा जाता है।

राज्य की खुशहाली के लिए मरवाए सोंटा

दिपावली के बीच विजय शर्मा ने एक परंपरा निभाई। दरअसल, प्रदेश में गौरा-गौरी पूजा भी शुरू हो चुकी है। विजय शर्मा गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं। उन्हें पूजा के दौरान सोंटा मारा गया। सोंटा मारने की परम्परा के पीछे मान्यता भगवान शिव की भक्ति से जुड़ी है। भगवान के प्रति अपना आदर प्रकट करने के लिए ऐसा किया जाता है। पैरे से बनी रस्सी से एक आदमी हाथ पर प्रहार करता है।


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