भिलाई, 8 अक्टूबर 2025।
भिलाई की बेटी रिमझिम अग्रवाल ने शहर का नाम देशभर में रोशन किया है। प्रतिष्ठित फोर्ब्स इंडिया मैगजीन ने अपने कवर पेज पर रिमझिम को स्थान देकर उनके नवाचार और वैज्ञानिक योगदान को सम्मानित किया है। यह उपलब्धि उन्हें उनके एआई-आधारित स्टार्टअप ब्रेनसाइट एआई (Brainsight AI) के कारण मिली है, जिसने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को समझने की दिशा में नई तकनीक विकसित की है।
रिमझिम के स्टार्टअप का मुख्य सॉफ्टवेयर ‘वॉक्सेल बॉक्स (Voxel Box)’ डॉक्टरों को मरीज के दिमाग का ऐसा नक्शा दिखाता है जैसे गूगल मैप सड़कें दिखाता है। यह सॉफ्टवेयर बताता है कि दिमाग का कौन-सा हिस्सा कितना सक्रिय है, कौन-सा हिस्सा जुड़ा हुआ है और कहाँ असामान्यता पाई जा रही है।
इस तकनीक को अस्पतालों में एमआरआई मशीन के साथ इंटीग्रेट किया गया है। अब तक 1500 से अधिक सर्जरी में इसका उपयोग किया जा चुका है, जिससे डॉक्टरों को सटीक जानकारी मिली और सर्जरी के नतीजे और बेहतर हुए।
🔹 क्या है 4डी तकनीक
ब्रेनसाइट की इस तकनीक में एमआरआई से प्राप्त इमेज को 4डी प्रोसेसिंग के माध्यम से और अधिक स्पष्ट किया जाता है। यह दिमाग के विभिन्न हिस्सों को रंगों (जैसे लाल, पीला, नीला) में दिखाती है, जिससे सर्जन को पता चलता है कि कौन-सा क्षेत्र संवेदनशील है या कहां ट्यूमर, घाव या नर्व नेटवर्क मौजूद है। इस प्रक्रिया से डॉक्टर सर्जरी के दौरान मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्सों को सुरक्षित रख सकते हैं।
🔹 कैसे काम करती है यह तकनीक
यह तकनीक 86 अरब न्यूरॉन्स से बने दिमाग के जटिल नेटवर्क को एआई के माध्यम से प्रोसेस करती है और उसे विजुअल रूप में प्रस्तुत करती है।
- सॉफ्टवेयर दिमाग की 4डी इमेज तैयार करता है।
- इन आंकड़ों को विश्लेषित कर डॉक्टरों को सर्जरी की रणनीति बनाने में मदद करता है।
- यह दिमाग के उन कनेक्शन में गड़बड़ियों की पहचान करता है जो मानसिक रोगों की जड़ में होती हैं।
🔹 शिक्षा और सफलता का सफर
रिमझिम अग्रवाल ने भिलाई से अपनी स्कूलिंग पूरी की और उसके बाद पुणे से एम-टेक की डिग्री प्राप्त की। उनका शोध कार्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ने पर केंद्रित रहा है। वर्तमान में वे ब्रेनसाइट एआई की चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) हैं।
🔹 निवेशकों का भरोसा
रिमझिम के स्टार्टअप को अब तक 62 करोड़ रुपए की फंडिंग प्राप्त हुई है।
- शुरुआत में एंटरप्रेन्योर फर्स्ट से ₹45 लाख,
- स्टैंडफोर्ड एंजल्स, रेडस्टार्ट लैब्स और आईकेपी से ₹6 करोड़,
- और हाल ही में 55 करोड़ रुपए की नई फंडिंग मिली है।
वर्तमान में उनके स्टार्टअप में 50 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं।
रिमझिम का मानना है कि अब समय आ गया है जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ बाहरी प्रतिक्रियाओं तक सीमित न रहकर मानव मस्तिष्क की आंतरिक प्रक्रियाओं को समझने में उपयोग हो। यही मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत साबित होगा।
‘नशे के खिलाफ नारी शक्ति’ – भिलाई की महिलाओं ने 12 दिन तक दिया धरना, प्रशासन को झुकना पड़ा



