बिना रायल्टी पर्ची धड़ल्ले से हो रहा अवैध उत्खनन – परमिशन मुरुम खनन का और खोदा जा रहा पत्थर


दुर्ग. दुर्ग जिले में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। यहां मुरुम की मरमिशन पर पत्थर की खुदाई की जा रही है। खुलेआम सैकड़ों ट्रक खुदाई होने के बाद भी खनिज अधिकारी को यह नहीं पता है कि वहां पर पत्थर निकला है या मुरुम।


ये पूरा मामला दुर्ग ग्रामीण विधानसभा अंतर्गत रिसामा गांव का है। यहां के ग्रामीणों ने रायल्टी चोरी और मुरुम की जगह पत्थर खोदे जाने को लेकर दो दिन पहले कई ट्रक को पकड़कर हल्ला बोल दिया था। मामला बढ़ने पर मौके पर खनिज विभाग के अधिकारी पहुंचे, लेकिन उन्होंने ना तो ट्रकों की रायल्टी पर्ची चेक किया ना तो कोई कार्रवाई।
इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने मुरुम वाली जगह पर उत्खनन को ही बंद करवा दिया। इतना बड़ा मामला हो जाने के बाद भी जिला खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा को यह नहीं पता कि वहां मुरुम निकाली जा रही है या पत्थर। उनका यही कहना है कि उनकी टीम चारों तरफ रहती है। शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाती है। उत्खनन का कार्य शत प्रतिशत रायल्टी के जरिए हो रहा है।

भारत माला परियोजना के लिए की जा रही खोदाई
रिसामा के ग्रामीणों ने बताया कि भारतमाला परियोजना में उपयोग के लिए तालाब की खोदाई हो रही है। ग्राम पंचायत ने मुरुम खनन की अनुमति दी है, लेकिन यहां पत्थर निकलने के बाद उसको ही खोदकर ले जाया जा रहा है।
23 सितंबर को ट्रक में मिली 14 सितंबर की रायल्टी पर्ची
ग्रामीण पीलेश्वर साहू का कहना है कि ये अवैध खनन है। ग्राम पंचायत और खनिज विभाग की मिली भगत से हो रहा है। उसने बताया कि इसकी शिकायत खनिज विभाग से की गई। वहां से एक अधिकारी आया। उसने पत्थर मुक्स मुरुम ले जा रहे ट्रक चालक से रायल्टी पर्ची मांगी तो उसने 14 सितंबर की पर्ची दी, जबकि वो 23 सितंबर को माल लोड कर रहा है। इसके बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सचिव ने कहा जिम्मेदारी खनिज विभाग की
गांव की सचिव गीता महानंद का कहना है कि बांधा तालाब में जो मुरुम खनन हो रहा है वो लीज के बाद किया जा रहा है। इसमे कलेक्टर की सहमति भी है। अगर पत्थर खनन की शिकायत है तो इसकी जांच की जाएगी। यह काम खनिज विभाग का है कि वो देखे कि 5 हजार घनमीटर का परमिशन देने के बाद वहां मुरुम निकली जा रही है या पत्थर।


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