रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। जून 2025 से प्रदेश के 11 लाख घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर अनिवार्य रूप से इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके तहत अब उपभोक्ताओं को हर महीने बिजली बिल नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें मोबाइल की तरह अपने मीटर को रिचार्ज करना होगा। यह योजना केंद्र सरकार की रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत लागू की जा रही है। साल के अंत तक शेष 42 लाख घरों में भी यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ स्मार्ट मीटर लगाने में तीसरे स्थान पर
स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। इससे पहले बिहार और असम में इस योजना को लागू किया जा चुका है। इन राज्यों में उपभोक्ता पहले से ही अपने मीटर को रिचार्ज कर बिजली का उपयोग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार, राजधानी रायपुर में सबसे अधिक 2.59 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसके बाद बिलासपुर में 1.09 लाख, धमतरी में 98 हजार, बलौदाबाजार में 78 हजार, महासमुंद में 82 हजार, राजनांदगांव में 67 हजार, कोरबा में 42 हजार और जांजगीर-चांपा में 29 हजार मीटर स्थापित किए गए हैं।
कैसे काम करेगा प्रीपेड स्मार्ट मीटर?
- ऑटोमैटिक रीडिंग: उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के लिए किसी कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सभी डेटा विद्युत वितरण कंपनी के सर्वर पर उपलब्ध रहेगा।
- रिचार्ज सिस्टम: उपभोक्ता को एडवांस में रिचार्ज करना होगा। बैलेंस खत्म होने पर बिजली अपने आप कट जाएगी।
- मोबाइल से कनेक्टिविटी: स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के मोबाइल से जुड़ा रहेगा, जिससे उन्हें बैलेंस और खपत की पूरी जानकारी मिलेगी।
- क्रेडिट सुविधा: बैलेंस खत्म होने के बाद उपभोक्ताओं को 300 रुपये तक का क्रेडिट दिया जाएगा, जिसे अगले रिचार्ज से समायोजित किया जाएगा।
- रिचार्ज अलर्ट: उपभोक्ताओं को बैलेंस खत्म होने से पहले तीन बार चेतावनी संदेश (SMS) भेजा जाएगा।
- रात में बिजली कटौती नहीं: यदि उपभोक्ता का बैलेंस रात में खत्म होता है, तो बिजली तुरंत नहीं कटेगी। इसे अगले दिन सुबह 10 से दोपहर 2 बजे के बीच बंद किया जाएगा।
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59 लाख कनेक्शनों में से 5.5 लाख कृषि उपभोक्ता योजना से बाहर
प्रदेश में फिलहाल 59 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 5.5 लाख उपभोक्ता कृषि कनेक्शन वाले हैं। कृषि उपभोक्ताओं को इस योजना से बाहर रखा गया है, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
क्या होगा उपभोक्ताओं के लिए बदलाव?
- मीटर लगने के बाद पहले दो महीने पोस्टपेड मोड में काम करेगा, फिर इसे प्रीपेड में बदल दिया जाएगा।
- उपभोक्ताओं को पहले महीने का बैलेंस सुरक्षा निधि (Security Deposit) से दिया जाएगा।
- फिलहाल न्यूनतम और अधिकतम रिचार्ज की सीमा तय नहीं की गई है। उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार बैलेंस डाल सकते हैं।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
✅ बिजली बिल की ओवरचार्जिंग से राहत
✅ मीटर रीडिंग में हेराफेरी की संभावना खत्म
✅ मोबाइल से बिजली खर्च और बैलेंस की निगरानी
✅ समय पर रिचार्ज कर बिना रुकावट बिजली सेवा का लाभ
छत्तीसगढ़ में प्रीपेड स्मार्ट मीटर की इस योजना से बिजली उपभोक्ताओं को न केवल अधिक पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली भी अधिक प्रभावी और आधुनिक होगी।
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Author: Sarik_bharti_media_desk
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