छत्तीसगढ़ में 15-20 दिसंबर के बीच लग सकती है आचार-संहिता:OBC को 50% आरक्षण;मेयर-दावेदारों में BJP से 10 नामों की चर्चा,एजाज बोले-कांग्रेस से मैं लड़ूंगा…

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों के चुनाव के लिए 15 से 20 दिसंबर के बीच आचार संहिता लागू हो सकती है। निकाय चुनाव के लिए वोटर लिस्ट 11 दिसंबर तक फाइनल की जा सकती है। निकायों को लेकर जब 11 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। इसके तीन से चार दिन बाद वार्ड वार आबादी के अनुसार आरक्षण की सूची आएगी।

महापौर दावेदारों को वार्ड वार आरक्षण का इंतजार है।
महापौर दावेदारों को वार्ड वार आरक्षण का इंतजार है।

इसमें तय होगा कि किस वार्ड से OBC, SC-ST नेता चुनाव लड़ेंगे। महापौर और पालिका अध्यक्ष बनने का सपना पाले हुए भाजपा और कांग्रेस के दावेदार इसी का इंतजार कर रहे हैं। मेयर-दावेदारों में BJP से 10 नामों की चर्चा है। वहीं एजाज ढेबर ने कहा है कि कांग्रेस से वे चुनाव लड़ेंगे।

कैबिनेट बैठक में सरकार ने निकायों में 50 प्रतिशत आबादी के हिसाब से OBC आरक्षण देने का फैसला लिया था। अब इसे राज्यपाल की सहमति से राजपत्र में शामिल कर दिया गया है। इससे पहले OBC को 25 प्रतिशत तक प्राथमिकता दी जाती रही है। ये शर्त भी रखी गई है कि जिन इलाकों में ST-SC का जहां पहले से ही आरक्षण 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा है तो वहां OBC को आरक्षित नहीं किया जाएगा।

OBC वर्ग के लिए कुछ वार्ड आरक्षित हो जाएंगे

अब इससे ये माना जा रहा है कि रायपुर में OBC वर्ग के लिए कुछ वार्ड आरक्षित हो जाएंगे। शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां OBC आबादी अधिक रहती है, तो OBC वार्ड की संख्या बढ़ेगी। जिन इलाकों में आदिवासी आबादी अधिक है, वहां OBC को मौका नहीं मिलेगा।

भाजपा और कांग्रेस नेताओं को आरक्षण आदेश का इंतजार

आरक्षण सूची जारी होनी है। इसमें तय होता है कि अलग-अलग वार्डों से पार्षद चुनाव में ओबीसी, महिला, एसटी या एससी वर्ग के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह इस बार माना जा रहा है कि मेयर पद को लेकर भी प्रदेश के सभी नगर निगमों में इसी दिन आरक्षण सूची जारी होगी।

इसके चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता आरक्षण आदेश का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं ने अपने स्तर पर लॉबिंग शुरू कर दी है।

अध्यादेश में आबादी के मुताबिक OBC को 50 प्रतिशत तक आरक्षण।
अध्यादेश में आबादी के मुताबिक OBC को 50 प्रतिशत तक आरक्षण।

अलग-अलग चरणों में होगा चुनाव, EVM के साथ बैलेट पेपर भी

2019 में हुआ पिछला नगर निगम चुनाव बैलेट पेपर से हुआ था। इस बार चर्चा है कि नगर निगम, पालिका और पंचायत ये तीनों के चुनाव एक साथ होंगे। एक साथ इनका ऐलान होगा। हालांकि ये अलग-अलग चरण में होंगे।

शहरी चुनाव यानी की नगर निगम के चुनावों में EVM और पंचायत के चुनावों में बैलेट पेपर के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। बैलेट पेपर की जरूरत इस वजह से पड़ सकती है, क्योंकि ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे।

पिछली बार निकाय चुनाव में मतदाताओं ने एक-एक वोट डाले थे, लेकिन इस बार पार्षद, मेयर और अध्यक्ष के लिए अलग-अलग वोट डाले जाएंगे।

एजाज ढेबर बोले- मैं लडूंगा चुनाव

रायपुर में महापौर पद को लेकर अपनी दावेदारी वर्तमान महापौर एजाज ढेबर ने पेश कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन तय करता है कि कौन चुनाव लड़ेगा। अगर मुझे बोला जाएगा तो मैं भी चुनाव लड़ूंगा। स्वाभाविक है कि मैं वर्तमान में महापौर हूं तो फिर महापौर की टिकट मांगूंगा।

हालांकि, आरक्षण सामान्य तय होगा तो दावेदारी हमारी भी रहेगी। मैं इस बात को जवाबदारी के साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी चुनाव लड़े, रायपुर में महापौर कांग्रेस पार्टी का ही बनेगा।

रायपुर में मेयर कैंडिडेट्स के लिए इन नामों की चर्चा

भाजपा से मीनल चौबे, संजय श्रीवास्तव, मृत्युंजय दुबे, केदार गुप्ता, अमित चिमनानी, उमेश घोरमाड़े, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, सुभाष तिवारी, सूर्यकांत राठौर, अमित साहू जैसे नामों की चर्चा है। ये शहरी मुद्दों पर राजनीति करते हैं। इसमें से कुछ पूर्व पार्षद, पार्षद, निगम में सभापति रह चुके हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेस से एजाज ढेबर, प्रमोद दुबे, नागभूषण राव और सन्नी अग्रवाल, आकाश तिवारी, श्रीकुमार मेनन, ज्ञानेश शर्मा, किरणमयी नायक, निशा देवेंद्र यादव जैसे नामों की चर्चा है। हालांकि, इन सभी का भविष्य आरक्षण सूची पर आधारित है। माना जा रहा है कि रायपुर से OBC नेताओं को ही अधिक मौका मिल सकता है।


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