दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 22 मार्च को प्रस्तावित “बिहार दिवस” कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस आयोजन का विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने इसे राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया है। संगठन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को “बाहरी जनता पार्टी” कहकर तंज कसा और आरोप लगाया कि पार्टी को अन्य राज्यों की संस्कृति तो दिख रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने में रुचि नहीं है।
सुपेला चौक पर प्रदर्शन, पुतला दहन
शुक्रवार को भिलाई के सुपेला चौक में छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और बिहार दिवस कार्यक्रम के विरोध में पुतला दहन किया। संगठन के जिला अध्यक्ष रोशन बघेल ने मांग की कि इस तरह के आयोजनों को तत्काल रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि “ऐसे आयोजनों से क्षेत्रीय एकता और सांस्कृतिक संतुलन प्रभावित होता है। सरकार को पहले छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।”
भाजपा का बचाव, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की दी दलील
वहीं, भाजपा ने इस आयोजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” मिशन के तहत किया जा रहा कार्यक्रम बताया है। भाजपा नेताओं के अनुसार, “यह एक स्नेह मिलन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सभी राज्यों की संस्कृतियों को सम्मान देना है।”
भिलाई में होगा बिहार दिवस का आयोजन
बिहार दिवस का मुख्य आयोजन भिलाई के चौहान इंपीयरन होटल में शनिवार सुबह 10:30 बजे होगा। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जबकि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
राजनीतिक विवाद के आसार
इस आयोजन को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज हो गई है। जहां भाजपा इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बता रही है, वहीं विरोधी दल इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक उपेक्षा से जोड़ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है।
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Author: Sarik_bharti_media_desk
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