दुर्ग जिले में बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रह रहे लोगों की पतासाजी का सिलसिला जारी है। मंगलवार को दुर्ग पुलिस ने होटलों और लॉज में लंबे समय से रूम लेकर रह लोगों की जांच की। इस दौरान 28 के खिलाफ कार्रवाई की गई।
छावनी सीएसपी हरीश पाटिल के नेतृत्व में छावनी सहित जामुल और खुर्सीपार पुलिस की टीम ने मंगलवार शाम पावर हाउस एरिया में स्थित अलग अलग होटल और लाज की चेकिंग की। मंगलवार रात पुलिस ने पावर हाउस स्थित केसरी लॉज में छापेमारी की। इस दौरान यहां लंबे समय से रह रहे 28 लोगों को पूछताछ के लिए छावनी थाने लाया गया।
हिरासत में लिए गए सभी लोगों के खिलाफ पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। एएसपी सिटी भिलाई सुखनंदन राठौर ने बताया कि केसरी लॉज के मैनेजर ने लंबे समय तक किराए से कमरा देने के बाद भी वहां रुके लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया। इसलिए मैनेजर के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि दुर्ग पुलिस लगातार दूसरे राज्यों से आकर यहां रह रहे लोगों की जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि छावनी थाना क्षेत्र के 2 लॉज “केसरी लाज” और “अपना केसरी लॉज” में कई लोग लंबे समय से रुके हुए हैं। उनमें से किसी का भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है।
वहां का मैनेजर बाहरी लोगों को बिना जांचे परखे लॉज में आश्रय देने का काम कर रहा है। उसने ऐसे लोगों की सूचना छावनी थाने में भी नहीं दी है। शिकायत मिलते ही सीएसपी हरीश पाटिल ने एक टीम गठित की और लॉज में छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान उन्होंने दोनों लॉज के कस्टमर रजिस्टर की जांच की। वहां रुके लोगों के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने पाया कि लॉज संचालक ने पूरी जानकारी रजिस्टर में मेंटेन नहीं किया है।
छापेमारी के दौरान मिले कई संदिग्ध
छापेमारी के दौरान लॉज में बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग पाए गए। इसमें पुणे महाराष्ट्र से 1, दरभंगा (बिहार) से 6, सिरसा कछार से 1, मानुपुरोवा से 1, इलाहाबाद से 6, बदुपुर से 1, गोपालगंज से 1, तारा धुरपुर से 1, सुल्तानपुर से 3, गंज शादीपुर से 1 (उत्तर प्रदेश), मेदीनापुर से 1, बादकुल्ला नोडिया से 1, छोटा फुलगाछी वर्धमान से 1, नोडिया पलासीपारा से 1 (पश्चिम बंगाल) और बोकारो से 3 सहित 28 लोग संदिग्ध मिले हैं।
दोनों लॉज को सील करने की तैयारी
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान पाया की दोनों ही लॉज में नियमों को ताक में रखकर काम किया जा रहा है। पुलिस ने जांच में पाया कि वहां के मैनेजर ने रजिस्टर में यह तक मेंटेन नहीं किया है कि कौन से लोग किस दिन रुके हुए हैं। साथ ही कई लोगों की जानकारी तक अपडेट नहीं की गई थी। इसे देखते हुए पुलिस ने एसडीएम को दोनों लॉज को सील किए जाने के लिए प्रतिवेदन भेजा है।
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Author: DEEPAK SHARMA
News creator, social media activist
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