Aap Ki Adalat: इंडिया टीवी संवाद बजट के मंच पर ‘आप की अदालत’ के स्पेशल शो में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अडानी विवाद पर जवाब दिए। वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों ने अडानी की वजह से भारत के मार्केट से 2 बिलियन डॉलर बाहर निकाल लिया है, तो क्या इससे देश का नुकसान नहीं है? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि इन आकड़ों के बारे में मैं स्टडी करने के बाद ही कुछ कह सकती हूं। उन्होंने कहा कि LIC-SBI ने अडानी विवाद पर खुद अपना पक्ष सामने रखा है।
“फंड पुलआउट के पीछे कई सारे फैक्टर”
निर्मला सीतारमन ने कहा कि पिछले दो सालों में यूएस फेड में अगर रेट बढ़ता है तो विदेशी निवेशक के फंड जहां रेट ज्यादा है, वहां चले जाते हैं। अगर इधर रेट बदलता है तो वो इधर भी ट्रांसफर हो जाते हैं। ये प्रोसेस बहुत फास्ट होती है। इसके कारण देश में एफआईएस (विदेशी निवेशक) के फंड यहां वहां होते रहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों के फंड पुलआउट होने के पीछे एक ही कारण नहीं हो सकता, बल्कि कई सारे फैक्टर काम करते हैं।
“LIC-SBI के बहुत कम स्टेक अडानी की कंपनियों में लगे”
सीतारमन से पूछा गया कि विपक्ष इस मामले में जेपीसी से जांच की मांग कर रहा है। इसपर उन्होंने कहा कि अडानी मामले में जेपीसी पर कुछ नहीं बोलना चाहती हूं। वित्त मंत्री ने कहा कि अडानी के केस को देखने के लिए रेग्युलेटर्स हैं। LIC-SBI के बहुत कम स्टेक अडानी की कंपनियों में लगे हैं।
“कांग्रेस राज में जमीन आवंटन पर अबतक जवाब नहीं”
रॉबर्ट वाड्रा ने भी आरोप लगाए हैं कि अडानी ने फ्रॉड किया है उनपर जांच होनी चाहिए। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि भाई-भतीजावाद करने वाली पार्टी में किसको कितना मिला है। हरियाणा से जमीन, राजस्थान से जमीन, इस सबका आजतक जवाब नहीं है मगर आरोप लगाने का कॉन्फिडेंस देखिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में जमीन आवंटन पर अबतक जवाब नहीं मिला है।
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