नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज संकेत दिया कि केंद्र ‘जरूरतमंद’ की श्रेणी में कुछ और ऐसे तबकों को लाने पर विचार कर रहा है, जिन्हें एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी की जरूरत है।
इंडिया टीवी बजट 2023 कॉन्क्लेव में सवालों के जवाब देते हुए पुरी ने कहा: ‘पहले से ही हम आर्थिक रूप से गरीब वर्गों को DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं। यदि कुछ और ज़रूरतमंद तबकों को इसकी जरूरत है, तो हम इस पर विचार कर सकते हैं। लेकिन, सब्सिडी धीरे धीरे अब कम होनी चाहिए।’
पुरी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उज्ज्वला योजना, जिसके तहत गरीब परिवारों को 9.6 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं, असफल साबित हुई है क्योंकि बहुत से गरीब परिवारों ने ऊंची कीमतों के कारण नए सिलेंडर खरीदना बंद कर दिया है। मंत्री ने कहा, ‘यह गलत जानकारी है। सच्चाई यह है कि 4 लोगों के एक औसत परिवार के द्वारा साल भर में खरीदे जा रहे 4 सिलेंडर की तुलना में एक औसत गरीब परिवार साल में इस समय 3.9 सिलेंडर खरीद रहा है।’
ग्रीन हाइड्रोजन को ‘भविष्य का ईंधन’ बताते हुए पुरी ने कहा, ‘ईंधन के आयात को कम करने के लिए तीन मोर्चों पर काम चल रहा है: पहला, जैव ईंधन, दूसरा, डिनेचर्ड एथिल अल्कोहल और तीसरा, ग्रीन हाइड्रोजन। UPA सरकार के दौरान, बायो-फ्यूल ब्लेंडिंग इथेनॉल का टारगेट 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया था, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने दो प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए – नवंबर 2022 के अंत तक 10 प्रतिशत ब्लेंडिग, और 2030 तक 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग। हमने अपना पहला लक्ष्य तय समय से 5 महीने पहले हासिल किया, और अब 10.7 प्रतिशत ब्लेंडिंग की जा रही है। हमने 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग के लिए अपना टारगेट 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है।’
पुरी ने कहा, ‘एक विदेशी कंपनी (जॉन कॉकरिल) ने कल एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसकी वैश्विक बाजार में 33 फीसदी इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण क्षमता है। यह कंपनी संयुक्त रूप से 2 गीगावाट की लक्षित वार्षिक क्षमता के साथ एक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र गीगाफैक्ट्री का निर्माण कर रही है। यह हाइड्रोजन ऊर्जा की तरफ भारत के बढ़ते कदम को गति देगा।’
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, विकसित होती अर्थव्यवस्था के कारण भारत की ईंधन खपत का औसत दुनिया की औसत ईंधन खपत का 3 गुना है। हम रोजाना 50 लाख बैरल ईंधन की खपत करते हैं और 6 करोड़ लोग रोजाना पेट्रोल पंपों पर जाते हैं।
पुरी ने कहा की भले ही भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और इसकी प्रति व्यक्ति आय एक लाख रुपये से दोगुनी होकर 1,97,000 रुपये हो गई है, हमारा लक्ष्य 2040 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2040 तक 27 ट्रिलियन की अर्थव्वस्था बनने का है।
केंद्रीय मंत्री ने माना कि महंगाई बढ़ रही है, लेकिन साथ ही कहा कि पिछले एक साल से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक युवा नेता, जिन्होंने हाल ही में अपनी एक्सर्साइज पूरी की है, ने कोविड महामारी के दौरान सवाल किया था कि भारत खुद वैक्सीन क्यों बनाने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने महामारी के दौरान 220 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई। अगर हम बाहर से आने वाली वैक्सीन पर निर्भर होते, तो लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाती।’
पुरी ने कहा, बुधवार को पेश किया गया केंद्रीय बजट स्पष्ट रूप से मोदी के ‘सुशासन भी अच्छी राजनीति है’ के मॉडल को रेखांकित करता है और (मुफ्त की) रेवड़ी देने से परहेज करता है। उन्होंने कहा, ‘मैं इसे भारत के विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एक पुल का काम करने वाले बजट के रूप में देखता हूं।’