रायपुर। छत्तीसगढ़ में बनी पहली हिंदी फीचर फिल्म ‘जानकी-भाग 1 (Janki Chapter 1)’ की रिलीज़ पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) देने से इनकार कर दिया है। विवाद की जड़ फिल्म के शीर्षक यानी ‘जानकी’ नाम को बताया जा रहा है। इस फैसले के बाद फिल्म के प्रोड्यूसर मोहित साहू ने नाराज़गी जताई है और कानूनी लड़ाई लड़ने का एलान किया है।
प्रोड्यूसर मोहित साहू ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि—
“जानकी का सेंसर सर्टिफिकेट अटका दिया गया है। मैं इस वक्त मुंबई में हूं। सेंसर बोर्ड ने ‘जानकी’ नाम पर सर्टिफिकेट जारी करने से इंकार कर दिया है। लेकिन मैं यह फिल्म इसी नाम से रिलीज करूंगा।”

मोहित साहू का कहना है कि वे अब इस फैसले के खिलाफ सेंसर बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी में अपील करेंगे। अगर वहां भी न्याय नहीं मिला तो वे हाईकोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने इस पूरी स्थिति को “अन्यायपूर्ण” बताया और कहा कि वे अपने रचनात्मक अधिकारों की लड़ाई लडेंगे।
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क्या है विवाद का कारण?
हालांकि सेंसर बोर्ड की ओर से आधिकारिक रूप से कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन प्रोड्यूसर के मुताबिक, फिल्म के ‘जानकी’ नाम को लेकर आपत्ति जताई गई है। संभवतः यह नाम धार्मिक आस्था से जुड़ा होने के कारण विवाद का कारण बना है।
पहली छत्तीसगढ़ निर्मित हिंदी फिल्म
‘जानकी-भाग 1’ को छत्तीसगढ़ में निर्मित पहली पूर्ण हिंदी फिल्म माना जा रहा है, जिसे स्थानीय कलाकारों और तकनीकी टीम ने मिलकर तैयार किया है। इससे पहले छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय फिल्मों के लिए ही जाना जाता था, ऐसे में इस फिल्म को लेकर दर्शकों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा था।
फिलहाल रिलीज पर रोक
जब तक सेंसर बोर्ड फिल्म को प्रमाणपत्र नहीं देता, तब तक इसकी थिएटर में रिलीज़ नहीं हो सकती। ऐसे में प्रोड्यूसर द्वारा रिवाइजिंग कमेटी और फिर अदालत का सहारा लेने की बात सामने आई है।




