रायपुर, 25 मई —
झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी के मौके पर शनिवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने शहादत दिवस के रूप में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हमले में शहीद हुए नेताओं को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि झीरम घाटी कांड को 12 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी न्याय की आस अधूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस हमले की जांच गंभीरता से नहीं करवाई।
भूपेश बघेल ने कहा, “हमने कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के कई नेताओं को इस हमले में खोया है। लेकिन जिन लोगों ने आत्मसमर्पण किया, उनसे कोर्ट के आदेश के बावजूद पूछताछ नहीं की गई। यहां तक कि घटना स्थल पर मौजूद और गोली लगे लोगों से भी एनआईए ने कोई पूछताछ नहीं की। इससे जांच के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने छह महीने के भीतर दोषियों को जेल भेजने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। भूपेश बघेल ने यह भी बताया कि जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब उन्होंने राज्य को जांच की अनुमति देने की मांग की थी, लेकिन उसे कोई संज्ञान नहीं मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल एजेंसियां केवल एक ही विषय में सक्रियता दिखा रही हैं, जबकि झीरम जैसे गंभीर मामले की अनदेखी की जा रही है।
झीरम घाटी हमला 25 मई 2013 को हुआ था, जिसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता, सुरक्षा कर्मी और आम नागरिक शहीद हुए थे। इस हमले ने राज्य और देश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया था।
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Author: Sarik_bharti_media_desk
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