नई दिल्ली: पुडुचेरी के परिवहन विभाग ने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलवाने को लेकर ऐसा एक्शन लिया कि ये अपने आप में एक उदाहरण बन गया। खबर है कि पुडुचेरी सरकार के परिवहन विभाग ने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलाने देने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इतना ही नहीं नाबालिग के माता-पिता को 3 साल कैद की सजा भी सुनाई गई है। पुडुचेरी के परिवहन विभाग का ये सख्त एक्शन भविष्य के लिए उन अभिभावकों के लिए एक नजीर बन सकता है जो अपने नाबालिक बच्चों के हाथ में वाहन देने में जरा भी नहीं कतराते।
मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 हुआ और सख्त
बता दें कि हाल ही में मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 में बड़े और कड़े प्रावधान किए गए हैं। इन प्रवधानों में नाबालिग का गाड़ी चलाना भी है। नियम के तहत अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। साथ ही अभिभवाक और गाड़ी मालिक दोनों के खिलाफ सख्त एक्शन का प्रावधान है। नियम के अनुसार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह की गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है।
विदआउट गेयर लाइसेंस वाले नियम का क्या मतलब?
गौर करने वाली बात ये है कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार 16 से 18 साल तक के नाबालिग सिर्फ बिना गियर वाले वाहन चला सकते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बच्चे बिना गियर वाले स्कूटर या ऑटो गेयर वाली कार चलाने के लिए पात्र हो जाते हैं। नियम ऐसा बिल्कुल नहीं कहता है। बच्चों को विदआउट गियर के वाहन लाइसेंस का मतलब है कि 50 सीसी से कम क्षमता वाला वाहन जो 16-18 साल के बच्चे चला सकते हैं।
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Author: bhartimedianetwork
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