सुकमा। संघर्ष और मेहनत की मिसाल पेश करते हुए जिले की एक युवती ने पेट्रोल पंप में काम करने के साथ-साथ पढ़ाई जारी रखी और अब नगरसेना (नगर सैनिक) में चयनित हुई है।
गांधीनगर निवासी 35 वर्षीय सुशीला ने 2006 में दसवीं की परीक्षा पूरक से पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। लेकिन परिस्थितियों से हार न मानते हुए उन्होंने प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में पढ़ाई फिर शुरू की और डबल पीजी तक की शिक्षा पूरी की।
सुशीला ने लगभग सात साल तक पेट्रोल पंप और निजी नौकरी में काम किया। इसी दौरान उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी। लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने प्रशासन की ‘सक्षम कोचिंग’ से प्रशिक्षण लिया और नगरसेना की परीक्षा में सफलता हासिल की।
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सुशीला का विवाह टूटने के बाद वे अपनी मां के साथ रह रही थीं। उनकी 10 साल की बेटी, जो वर्तमान में कक्षा छठवीं की छात्रा है, की पूरी जिम्मेदारी भी सुशीला ने अकेले निभाई है।
अब नगर सैनिक के रूप में चयनित होकर सुशीला पेट्रोल पंप की नौकरी छोड़ देंगी और समाज की सेवा करेंगी। उनकी यह उपलब्धि जिले की अन्य महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा है।
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Author: Sarik_bharti_media_desk
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