मुंबई: महाराष्ट्र के नवी मुंभई के तुर्भे डंपिंग ग्राउंड में शुक्रवार को भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियों को तुरंत मौके पर रवाना किया गया। खबर लिखे जाने तक दमकल की 5 गाड़ियां मौके पर मौजूद थीं और आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही थीं। इस घटना में किसी के भी हताहत होने की जानकारी नहीं है।
गुरुग्राम में कई झुग्गियां हुई थीं खाक
बता दें कि इससे पहले बीते साल अप्रैल में हरियाणा में गुरुग्राम के मानेसर के सेक्टर 6 में कचरे के अंबार वाले टीले में भीषण आग लगने से पास में स्थित कई झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। दिल दहला देने वाली इस घटना में एक महिला की मौत हो गई थी और तीन अन्य झुलस गए थे। आग लगने से बाइक, ट्रैक्टर और कैंटर समेत एक दर्जन से अधिक वाहन बुरी तरह जल गए थे। घटना में मारी गई महिला की पहचान बिहार में पटना के रानीपुर की निवासी 50 वर्षीय मीना देवी के रूप में हुई थी।
भलस्वा डंपिंग ग्राउंड पर भी लगी थी आग
उत्तरी दिल्ली के भलस्वा डंपिंग ग्राउंड पर भी बीते साल अप्रैल में ही भयानक आग लगी थी जो कई दिनों की कोशिशों के बाद बुझ पाई थी। अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि आग बुझाने के लिए दमकल की कई गाड़ियों को मौके पर लगाया गया था, जो तमाम कोशिशों के बावजूद कई दिनों बाद ही आग बुझा पाई थीं। इस दौरान कई वीडियो वायरल हुए थे जिनमें इस आग की वजह से उत्पन्न धुएं का गुबार उठता दिखाई दे रहा था। स्थानीय निवासियों ने तब कहा था कि घने धुएं से उनका दम घुटने लगा।
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मीथेन गैस के चलते भी पकड़ती है आग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते साल पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर ही आग लगने की कई घटनाएं हुई थीं, जिनमें 28 मार्च की एक घटना भी शामिल है, जिसे 50 घंटे से अधिक समय के बाद बुझाया गया था। तुर्भे डंपिंग ग्राउंड पर लगी आग के कारणों का तो पता नहीं, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक लैंडफिल में फेंका गया गीला कचरा सड़ने पर मीथेन गैस पैदा होती है। उनके मुताबिक, गर्म मौसम की स्थिति में कई बार मीथेन खुद ही आग पकड़ लेती है, जिससे इस तरह की घटनाएं होती हैं।
Author: bhartimedianetwork
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