राज्य शासन ने जिले के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को संपत्तिकर चुकाने से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। बुधवार 13 सितंबर को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य की ओर से इस आशय का आदेश जारी किया गया है।
शासन का कहना है कि उद्योग विभाग और सीएसआईडीसी द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित औद्योगिक इकाइयों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने संपत्तिकर भुगतान करने से पूर्ण छूट दी जा रही है। हालांकि उद्योगों को बकाया संपत्तिकर का भुगतान अपने-अपने क्षेत्र के नगरीय निकायों को करना होगा।
उद्योगों को दोहरे कर से मिलेगी मुक्ति सामान्य सभा से भी पारित हो चुका है
सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) जिला उद्योग संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संपत्तिकर में छूट की मांग की थी। उद्योगपतियों का कहना था कि उद्योग विभाग और नगरीय निकाय को अलग-अलग टैक्स देने की वजह से दोहरा बोझ उन पर पड़ रहा है।
इसके बाद मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप शासन ने जिले के सभी नगरीय निकायों को निर्देश जारी किया था। निकायों से नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 137 के तहत कार्यवाही करने और धारा 163 के अनुसार निगम को अपना पक्ष रखते हुए अभिमत और प्रस्ताव मंगाया गया। सभी निकायों की सामान्य सभा ने इस पर सहमति जताई थी।
निकायों के राजस्व घाटे की भरपाई करेगा शासन, 30% चुंगीकर मद से जारी होगी
शासन की ओर से जारी आदेश में उद्योगों से संपत्तिकर नहीं वसूलने से नगर निगमों को होने वाले राजस्व घाटे की भरपाई करने का भी उल्लेख है। शासन ने कहा है कि नगरीय निकायों को पूर्व में प्राप्त हो रही संपत्तिकर की प्रतिपूर्ति वर्ष 2022-23 की वार्षिक मांग को आधार मानकर 30 प्रतिशत राशि क्षतिपूर्ति के रूप में निकायों को चुंगी क्षतिपूर्ति मद से दी जाएगी।
जिले के 1118 से ज्यादा उद्योग होंगे लाभान्वित
भिलाई नगर निगम क्षेत्र में 188 सूक्ष्म, 234 लघु और 445 मध्यम कुल 867 औद्योगिक इकाइयां इस छूट के दायरे में आएंगी। इनसे भिलाई नगर निगम को हर साल 9.32 करोड़ रुपए संपत्तिकर मिल रहा था। इसी तरह दुर्ग नगर निगम क्षेत्र के ऐसे 62 उद्योग इस छूट से लाभान्वित होंगे।