मौलाना तौकीर रजा का यह बयान अजमेर शरीफ दरगाह के संदर्भ में दिया गया है। उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ तक फिरकापरस्ती (संप्रदायिकता) का फसाद पहुंच चुका है, लेकिन यह वहीं से खत्म होगा। उनका यह बयान भारत में बढ़ती धार्मिक उन्माद और विभाजन की स्थिति को लेकर चिंताओं को व्यक्त करता है। मौलाना तौकीर रजा का मानना है कि अजमेर शरीफ, जो एक प्रमुख सूफी दरगाह है, में धार्मिक सौहार्द और भाईचारे की भावना मौजूद है, और यह स्थान फिरकापरस्ती को समाप्त करने का केंद्र बन सकता है।
इस प्रकार, मौलाना तौकीर रजा ने यह संदेश दिया कि अजमेर शरीफ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व, जहां सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर आते हैं, भारत में फिरकापरस्ती को खत्म करने का एक सशक्त जरिया बन सकता है।
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इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि देश में बना फिरकापरस्ती का माहौल अब ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार तक पहुंच गया है। यहीं से इसका खात्मा होगा। अजमेर पहुंचकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर ने बुधवार को ख्वाजा की दरगाह पर हाजिरी दी। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए।
इधर, बरेली में कार्यकर्ताओं के साथ संभल जा रहे भारत जोड़ो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद नाजिम अली को बुधवार सुबह बारादरी पुलिस ने जोगी नवादा स्थित उनके कार्यालय पर ही रोक दिया। इस पर सैय्यद नाजिम अली और कार्यकर्ताओं ने रोष जताया। संभल हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान इरशाद अली शाह, फिरोज खान, अजमेरी शाह, मौलाना शफात अली, रोहित रॉबर्ट, सुधीर कुमार वाल्मीकि मौजूद रहे।
Author: bhartimedianetwork
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