रूस से और भीषण होगी जंग, यूक्रेन को अमेरिका देगा 2.2 अरब डॉलर, फ्रांस, इटली देंगे मिसाइल सिस्टम-America will give $ 2.2 billion to Ukraine, France, Italy give missile system

यूक्रेन को अमेरिका देगा 2.2 अरब डॉलर, फ्रांस, इटली देंगे मिसाइल सिस्टम- India TV Hindi
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यूक्रेन को अमेरिका देगा 2.2 अरब डॉलर, फ्रांस, इटली देंगे मिसाइल सिस्टम

रूस और यूक्रेन की जंग को एक साल होने आया है। 24 फरवरी को इस युद्ध के एक साल पूरे हो जाएंगे। लेकिन जंग जारी है। कभी रूस ताबड़तोड़ हमले करता है, तो कभी यूक्रेन पलटवार करता है। हालांकि यूक्रेन इस जंग में अकेले रूस का मुकाबला नहीं कर सक​ता है। इसलिए नाटो के सदस्य देश उसे लगातार मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका एक बार फिर यूक्रेन की मदद कर रहा है।  अमेरिका ने यूक्रेन को नए हथियारों और युद्ध सामग्री के लिए 2.2 अरब डॉलर देने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। वहीं AFP न्यूज एजेंसी ने फ्रांसीसी मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी कि ‘फ्रांस, इटली यूक्रेन को मिसाइल सिस्टम भेजेंगे।’

अमेरिका इससे पहले भी बड़ी मदद की कई घोषणाएं कर चुका है। इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन को एम-1 अब्राम्स, जर्मनी ने लियोपार्ड्स और ब्रिटेन ने चैलेंजर्स टैंक देने का एलान किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, ये टैंक अलग-अलग हथियार प्रणालियों का हिस्सा हैं। यूक्रेन के लिए उन्हें एक साथ अपनी युद्ध योजना में शामिल करना आसान नहीं होगा। असल में इनके पहुंचने में कितना वक्त लगेगा, यह साफ नहीं है। विश्लेषकों ने कहा है कि इसमें कई महीने लग सकते हैं।  

पेंटागन ने टैंक देने पर कही थी ये बात

अमेरिकी टैंक देने की घोषणा करते वक्त अमेरिक प्रतिरक्षा विभाग पेंटागन की एक अधिकारी ने बताया था कि अभी हमारे भंडार में अतिरिक्त टैंक मौजूद नहीं हैं। इसलिए यूक्रेन को ये टैंक सौंपने में कई महीने लगेंगे। विश्लेषकों की मानें तो आधुनिक युग के टैंक जटिल होते हैं। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर सिस्टमों द्वारा संचालित किया जाता है।

अमेरिका यूक्रेन को नहीं भेजेगा एफ-16 लड़ाकू विमान

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 30 जनवरी को अपनी एक घोषणा में कहा था कि वह   यूक्रेन को एफ16 लड़ाकू विमान नहीं भेजेगा। यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान भेजेंगे या नहीं, इस सवाल पर एक रिपोर्टर के जवाब में बाइडन ने कहा था, ‘नहीं’। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका ने तोपों और टैंकों के रूप में यूक्रेन को सैन्य सहायता बढ़ा दी थी। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदीमिर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ अपने युद्ध के प्रयासों को बनाए रखने में मदद के लिए लड़ाकू जेट की मांग की थी। बाइडन ने लगातार कहा है कि विमान नहीं मिल सकते, भले ही उन्होंने अन्य क्षेत्रों में सहायता दी गई है।

बड़े जंगी हथियार न देने के पीछे अमेरिका का डर क्या?

सवाल यह उठता है कि अमेरिका मदद कर रहा है तो ऐसी, जिससे यूक्रेन जंग तो कभी जीत ही न सके और यह जंग खत्म भी न हो सके। बड़े हथियार देने से अमेरिका को यह डर भी है कि कहीं रूस अमेरिका के खिलाफ सीधी लड़ाई न शुरू कर दे। रूस पहले ही परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी तो दे ही चुका है। रूस यह चेतावनी दे चुूका है कि यदि किसी देश ने यूक्रेन की ओर से लड़ाई लड़ी तो वह परमाणु हमले के बारे में भी गंभीरता से सोच सकता है। यही कारण है कि न तो अमेरिका और न ही नाटो के अन्य सदस्य देश यूक्रेन को बड़े जंगी हथियार देंगे। 

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